अनुस्वार हेतु प्रश्नावली के उत्तर
1. बाल्य काल से ही पत्रिकाएँ और उपन्यास पढ़ने में रूचि रही है/ इस शुरुआत में अपने आदरणीय मम्मी डैडी का बहुत बड़ा योगदान मानती हूँ, जिन्होंने मुझे स्तरीय पठनीय सामग्री सदैव उपलब्ध करायी / कॉलेज में भी लाइब्रेरी में मनपसंद पुस्तकें खूब पढ़ने का अवसर मिला/ सुप्रसिद्ध लेखिका शिवानी ,कृष्णा सोबती व् अमृता प्रीतम के उपन्यास व् महादेवी वर्मा एवं रवीन्द्रनाथ टैगोर की रचनाएँ दिल को छू जाती थी/ कभी कभी सोचती की क्या मैं भी कभी इनके जैसा कुछ रच पाऊँगी/
2. मेरी प्रथम कविता ' कमल का अरमान ' 1972 में श्रीनगर की हसीन वादियों में रची गयी / पर एक झिझक सी बनी रहती थी/ काव्य सृजन करती थी, परन्तु डायरी तक ही सिमटा रहता था; किसी के साथ सांझा नहीं करती थी/ उसके बाद 'सरिता ' पत्रिका में 'मेरी वसीयत' 1991 में प्रकाशित हुई / पाठकों की प्रतिक्रिया से उत्साह जागा / तब से निरंतर 19 वर्षों तक आकाशवाणी , बीकानेर के महिला जगत से मेरा काव्य पाठ प्रसारित होता रहा/ लिखना ज़ारी रहा, परन्तु प्रथम काव्य संग्रह, सेवा निवृति के कुछ अरसे बाद 2015 में ' MORTGAGED 'शीर्षक से प्रकाशित हुआ/ अब कारवां बढ़ता ही जा रहा है/
3 . मेरा मौलिक काव्य सृजन हिंदी, अंग्रेज़ी पंजाबी भाषा में है/ साथ ही साथ हिंदी, अंग्रेज़ी, राजस्थानी, पंजाबी व् उर्दू में अनुवाद कार्य निरंतर चल रहा है/ मुझे विभिन्न भाषाओँ की कविताओं का अंग्रेज़ी व् हिंदी में अनुवाद करना बहुत पसंद है/ अनुवाद के माध्यम से विभिन्न भाषाओँ के साहित्यकारों से जुड़ने का अवसर मिलता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनती है/
4. मुझे ऐसा महसूस होता है कि कविता के माध्यम से बहुत कम शब्दों में भावाभिव्यक्ति स्वतः हो जाती है/ दिल से निकली बात सीधे पाठकों के दिल को छूती है/ कहानी के लिए अधिक समय देना पड़ता है, लिखने में भी और पढ़ने में भी/
5 मेरे दो काव्य संग्रह ' होने से न होने तक' व् 'पिघलते हिमखंड ' हिंदी में प्रकाशित हुए और दोनों का ही मैथिली व् पंजाबी में अनुवाद हो चुका है व् इन में से चुनिंदा कविताओं का गुजराती, मराठी, आसामी, डोगरी, संस्कृत , नेपाली व् बांग्ला भाषा में अनुवाद हो चुका है/ MORTGAGED , MAIDEN STEP मेरी इंग्लिश पोएट्री बुक्स हैं/ इसके अतिरिक्त Aspiration, Initiation , A Night in Sunlight,, Swayamprabha , Accursed हिंदी से , Reveries पंजाबी से , Fathoming Thy Heart , Vent Your Voice, Language Fused in Blood, Purnmidam , The Sun on Paper राजस्थानी से इंग्लिश लक्ष्य भाषा में प्रकाशित/ एक हिंदी काव्य संग्रह व् राजस्थानी से इंग्लिश अनुवाद संग्रह प्रकाशनधीन/ अंक शास्त्र व् नामांक शास्त्र पर 6 पुस्तकें प्रकाशित/ 5 अंतरराष्ट्रीय काव्य संग्रहों में भागीदारी / 26 इ -बुक्स किंडल पर प्रकाशित
6 अपने आस पास जो घटित हो रहा है और अपने मन के कोमल भाव व् अंतर्द्वन्द ही मेरे रचनाओं की विषय वस्तु हैं/
7. मेरी रचनाओं के पात्र वास्तविक जीवन से जुड़े होते है/ सपनों की दुनिया में विचरते हुए भी, उनके पाँव यथार्थ के धरातल पर टिके के रहते हैं/ मेरा सबसे प्रिय पात्र वही है जो विषम परिस्थितियों में भी आस का दामन न छोड़े और मंज़िल पाने ले लिए भरपूर प्रयास करे/
8 . मेरी रचनाएँ कोमल भावनाओं की धरा से उपजती हैं/ सामाजिक परिवेश की विसंगतियां, तार तार होते सामाजिक ताने बाने को फिर से बुनने का प्रयास, आस विश्वास के रंग मेरी रचनाओं में मुखरित होते हैं/
9. सामाजिक परिवेश में जो घटित हो रहा है,उस से अछूती कैसे रह सकती हूँ/ रिश्तों की गरिमा को संजोने का प्रयास करती हूँ/ आहत मन का विलाप , पूर्णता की चाह , निज अस्तित्व की तलाश, साम्प्रदायिकता का डंक मेरी रचनाओं का आधार बनते है/
10 जैसे माँ को अपने सभी बच्चे सम भाव से प्रिय होते है, वैसे ही मुझे अपनी सभी रचनाओं से लगाव है/ परन्तु , मुझे अपना हिंदी काव्य संग्रह' पिघलते हिमखंड' विशेष प्रिय है/ इसकी विषय वस्तु हमारा सामाजिक परिवेश है और पाठकों का व् साहित्य जगत का भरपूर स्नेह इसे मिला है क्योंकि पाठक अपने आपको इस से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं/
11 . आजकल लेखकों द्वारा इतना कुछ लिखे जाने के बावज़ूद ,पाठक उतना अधिक प्रभावित नहीं हो पा रहा क्योंकि वो मानसिक व् भावनात्मक स्तर पर ख़ुद को उन से जोड़ नहीं पा रहा/
12 . डिजिटल युग में साहित्य के भविष्य की राह प्रशस्त है/ वृहद स्तर पर पाठकों को साहित्य उपलब्ध हो रहा है, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में हों/ विश्व स्तर पर वैचारिक क्रांति का सशक्त माध्यम है डिजिटल साहित्य./ यह साहित्य का वैश्वीकरण है/ सब से बड़ी बात यह है कि आप अपनी पुस्तकें स्वंय प्रकाशित कर सकते हैं , किंडल डायरेक्ट पब्लिशिंग के निर्देशों की पालना करते हुए/ मेरी प्रथम पुस्तक किंडल पर 2015 में प्रकाशित हुई और अब तक 26 पुस्तकें डिजिटल साहित्य के रूप में उपलब्ध है/ देश विदेश से पाठकों का जुड़ाव व् उनकी प्रतिक्रिया जानना सुखद लगता है/
13. प्रवासी हिंदी साहित्य की समृद्धि हेतु, ऑनलाइन सेमिनार् व् काव्य प्रस्तुति सशक्त माध्यम है/ वृहद स्तर पर देश विदेश के पाठकों से जुड़ने का अवसर मिलता है/ प्रवासी हिंदी साहित्य अपनी जड़ों से जुड़े होने की अनुभूति देता है/
14 लेखन कार्य के अतिरिक्त मेरी रूचि समाज सेवा, पेंटिंग, फोटोग्राफी व् देशाटन में है/ सर्वोपरि अंकशास्त्र से 1989 से जुड़ी हूँ/ भविष्य को जानना व् समस्याओं का समाधान पाने का प्रयास , मेरी ज़िंदगी का लक्ष्य हैं/
15 नवांकुरों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए, उन्हें यह सन्देश देना चाहती हूँ कि केवल अपने मनोभावों को पाठकों तक पहुँचाने के लिए न लिखें, अपितु कुछ ऐसा लिखें जो सब के लिए प्रेरणास्प्रद हो व् जन जीवन के साथ जुड़ा हो/ साथ ही साथ उत्तम स्तर का साहित्य भी पढ़ते रहें/
16 . हिंदी साहित्य के पाठकों की संख्या की वृद्धि के लिए , प्रचार प्रसार में वृद्धि करने की आवश्यकता है/ समय समय पर साहित्यिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए/ लेखक के साथ पाठकों को संवाद का अवसर देना भी एक सुखद प्रयोग रहेगा/ प्रकाशित साहित्य की वृहद स्तर पर समीक्षाएं भी प्रकाशित होनी चाहिए/
रजनी छाबड़ा
बहु भाषीय कवयित्री व् अनुवादिका