Wednesday, November 20, 2024

जज़्बात बहते हैं

 जज़्बात  बहते हैं


मैं लिखती नहीं
कागज़ पर
मेरे जज़्बात
बहते हैं



कह न पायी
जो कभी दबे होंठों से
वही अनकही
कहानी कहते हैं /

रजनी छाबड़ा