Sunday, November 24, 2024


डॉ शिव कुमार प्रसाद द्वारा मेरी कविता  'तिनका तिनका नेह' का मैथिली में भावपूर्ण अनुवाद  एवं 

 सिरायकी , हिंदी व् इंग्लिश  में मेरी मूल रचना    तिनका तिनका 

   तिनका तिनका नेह ,  Abode of  Happiness 

  रजनी छाबड़ा रजनी छाबड़ाक एहि कविताक मैथिली भाषामे हम अनुवाद करबाक प्रयास केलहुँये।सभसँ निचामे अछि।

सिरायकी व् हिंदी में मेरी मूल रचना 

 तिनका तिनका 

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हेक  हेक तिनका 

कठा कर 

अपणे घौंसले कूँ 

सोहणा सजांदी हे चिड़ी 

कुज धागे 

कुज रूई 

कठे कर लैंदी हे चिड़ी 

घौंसले कूं 

निग़ा रखण वास्ते 

अंडे सेवण तूं बाद 

ज़िम्मेवारी 

ख़तम नहीं थिंदी 

चिड़ी दी 

आपणे लाड़लिया वास्ते 

चुग्गा कठा करदी 

उंहा दी चुंज विच पानदी  

माँ होवण दा सुख 

हासल करेंदी चिड़ी 

घौंसले तू बाहर दी दुनिया नाल 

उंहा दी जाण  पछाण करवांदी 

निक्के पँखा नाल 

खुले असमाँण वेच 

उडारी भरना सिखांदी 

ज़िंदगी दा चरखा 

इवें ही चलदा राहंदा 

बीते वक़्त दे नाल ही नाल 

चिढ़ी दी ताकत 

घटदी वैंदी 

सवेर हुंदे ई 

पंखी घेण लेंदे उडारी 

कलली पई रेहँदी 

उंहा दी माँ विचारी 

शाम पवे पंखी 

मुड़ आवनदे   

अपणे ठिकाणे 

घेण के अपणी चोंच विच 

माँ वास्ते चुग्गा -दाणे 

ईहो रिश्ता फलदा हे 

आपनेपण दी दुनिया वेच 

पियार नाल भरिया घोंसला 

खुशियां दा ठिकाणा /

रजनी छाबड़ा 

तिनका तिनका नेह 

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नीड़ को 

तिनका तिनका जुटा 

सजाती है चिड़िया 

कुछ कपास

 कुछ धागे भी 

बटोर लाती है चिड़िया 

नीड़ में गरमाहट 

लाने के लिए 

अंडों को सेने के बाद 

दायित्व मुक्त 

नहीं हो जाती चिड़िया 

अपने  दुलारों के लिए 

चुग्गा बटोरती 

उनकी चोंच में डालती 

मातृत्व  का सुख 

पाती है चिड़िया 

नीड़ के बाहर की दुनिया से 

उनका परिचय करवाती 

नन्हे पंखों से 

खुले आसमान में 

उड़ान भरना सिखाती 

जीवन चक्र 

यूं ही चलता जाता 

बीतते वक़्त के साथ ही साथ 

चिड़िया का बल घटता जाता 

भोर होते ही 

पाखी भर लेते उड़ान 

रुकी रहती सूने नीड़ में 

उनकी माँ 

सांझ ढले पाखी 

लौट आते अपने नीड़ में 

सहेजे अपनी चोंच में 

माँ के लिए चुग्गा- दाना 

यह रिश्ता हैं पनपता 

सवेंदनाओं की दुनिया में

प्यार पगा नीड़ 

खुशियों का आशियाना /

रजनी छाबड़ा 

Needh ko

 Tinka tinka jutaa

Sajati hai chiddhia 

Kuch kapas

 Kuch dhage bhee

 Bator lati hai chidhia 

Needh mein 

garmaht lane ke liye 

Andon ko sene ke baad

Dayitv mukt

Nahin ho jatee chidhia

Apne dularon ke liye 

Chugaa batortee 

Unkee chonch mein daaltee

Matritv ka sukh

Patee hai chidhia

Needh ke bahar kee duniya se 

Unka paricay krwatee

Nanhe pankhon se 

khule asmaan mein 

Udhaan lena sikhatee

Jeevan chakar yoon hee 

Chalta jata

Bitate waqt ke saath saath

Chidhiyaa ka bl ghatata jata 

Bhor ugate hee

 Pakhee bhar lete udhaan

Pankh samate ab 

Rukee rahtee hai

Soone needh mein unkee Maa

Sanjh dhale,  pakhee

Lout aate apne needh mein

Samate apnee nanhee chonch mein

Maa ke liye chugaa - dana .

Yeh rishta hai panpata

Sawendnaon kee duniya mein.

Pyar paga needh

Khushiyon ka aashiyana.

Rajni chhabr

तिनका तिनका सिनेह
चोंचाकें 
तिनका तिनका बीछकें
बुनय छै चिड़ै
किछु रुइया 
किछु डोरा सेहो 
बीछि अनैत छै चिड़ै
चोंचाकें गरम राखऽ लेल
अंडाकें सेवलाक पछैतो
अपन काजसँ निचेन 
नहि भऽ जाएत छै चिड़य 
अपन नेनासभक लेल
चुग्गा बीछि 
ओकरा सभक लोलमे दैत 
मायक सुख 
पबैत अछि चिड़ै
चोंचासँ बाहरी दुनियाँसँ
ओकर परिचय करबैत 
नान्हि पांखिसँ
खुलल अकासमे
सिखबैत 
जिनगीक पहिया 
अहिना चलैत जाएत छै 
बितैत कालक संगे -संगे
चिड़ैकेर ताकैत घटैत जाएत छै 
भिनसर होएते 
चिड़ै उड़ि जाएत छै 
बैसल रहैत छै सुन्न चोंचामे
ओकर माय
सांझ होएत -होएत 
घुमि अबैत अछि अपन चोंचामे 
रखने अपन लोलमे 
माए लेल चुग्गा दाना
इयेह सिनेह पोनघबैत छै
संवेदनाक संसारमे
सिनेह भरल नीड़ 
आनन्दक महल।
अनुवाद 
शिव कुमार प्रसाद, सिमरा, झंझारपुर, मधुबनी, बिहार।