आप सभी सुधि पाठकों के साथ अपनी खुशी सांझा करते हुए सुकून मिल रहा है/
मेरे हिंदी काव्य संग्रह' पिघलते हिमखंड ' का तेजिंदर चण्डहोक जी द्वारा किया गया पंजाबी अनुवाद 'पिघलदा हिमालया' प्रकाशित हो चुका है/ अनुवादक महोदय ने यह सूचना मुझे कल दी/ इस से २ वर्ष पूर्व तेजिंदर जी मेरे प्रथम हिंदी काव्य संग्रह ' होने से न होने तक ' का पंजाबी में अनुवाद कर चुके है / प्रभु से प्राथना है कि सद्य प्रकाशित काव्य- अनुकृति को भी पूर्व प्रकाशित काव्य संग्रह जैसी लोकप्रियता प्राप्त हो/
हार्दिक आभार तेजिंदर जी का/
पिघलते हिमखंड का मैथिली में उत्कृष्ट अनुवाद तीन वर्ष पूर्व डॉ. शिव कुमार प्रसाद ने किया /
उम्मीद करती हूँ, इस वर्ष नेपाली में अनुवाद भी उपलब्ध हो पायेगा/