आभार
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माँ की गोद में ठुनकता अबोध शिशु
जिसने प्रभु आशीष से पाया
अपने सिर पे माँ का साया
माँ के स्तन से अमृत पान करता
तृप्त होता, मंद मंद मुस्कुराया
स्मित मुस्कान चेहरे पर लिये,
माँ की आंखों में देख मुस्काया/
क्या उसे किसी ने यह
आभार प्रकट करने का सलीका सिखाया ?
यह ज़ज़्बा जन्मजात होता है /
मंद पड़ जाता है,
दुनियावी तौर -तरीक़े सीखने के बाद?
रजनी छाबड़ा.
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