सुकून में कहाँ वो मज़ा
सुकून में कहाँ वो मज़ा
जो देती है बेताबी
जूनून देता है बेताबी
हर पल पाने को कामयाबी
सुकून है मंजिल
रास्ता है बेताबी
रजनी छाबड़ा
सुकून में कहाँ वो मज़ा
जो देती है बेताबी
जूनून देता है बेताबी
हर पल पाने को कामयाबी
सुकून है मंजिल
रास्ता है बेताबी
रजनी छाबड़ा
सुकून पल दो पल का जलाता है हमें
ReplyDeleteबेताबियों का आलम रास आता है हमें
अश्कों के तो किस्मत में है ही बेहना
दो पल की हंसीं भी मार जाती है हमें
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ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा हैं आपने.....सच में
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जियेंगे गर बेताबी से
तभी तो सुकून से मरने देगी दुनिया.....डिम्पल