Expression
Wednesday, October 15, 2014
हम बिन
यूं भी क्या जीना
कि जीना
इक मज़बूरी लगे
क्यों न कर जाएँ
कुछ ऐसा
कि हमारे
जाने के बाद
यह दुनिया
हम बिन
अधूरी लगे
रजनी छाबड़ा
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment