Wednesday, October 16, 2024

बीजी को समर्पित


 बीजी को समर्पित 

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आपका मातृत्व 

 जिस के  स्नेह का 

न कोई ओर -छोर 

निश्छल प्रेम से करती 

सभी को आत्म-विभोर 


कौन समझायेगा हमें अब 

जीने  के दस्तूर 

ज़िंदगी का अक्स दिखाने वाला 

आईना न रहा 

घर आँगन में 

प्यार-बयार महकाने वाला 

वट-वृक्ष न रहा/


रजनी छाबड़ा 

15 /10 /2024