ख़ामोशी
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निराश कर देती है
तुम्हारी खामोशी यदा -कदा
अचम्भित हो जाती हूँ मैं देखकर
तुम और तुम्हारा व्यवहार
मेरे और मेरी घटनाओं के प्रति
मैं विश्लेषण करती हूँ
अवलोकन करती हूँ
तुम्हारा और तुम्हारे शब्दों का
कभी कभी अनुभव करती हूँ
तुम्हारी अनुनाद
कभी कभी एहसास होता है
तुम्हारी निराशा का
मुझे अंदाज़ होता है
तुम्हारे दोहरे व्यक्तित्व का
कभी कभी में पाती हूँ तुम्हे
कुछ उलझा उलझा सा
कभी द्वैधता झलकती है
तब, मैं तुमसे आशा करती हूँ
विनम्रता की
अवहेलित होने पर
उम्मीद रखती हूँ
तुम्हारी कृपा दृष्टि की
विनम्र पृथक पक्वता के साथ
फिर भी, तुम प्राथमिकता देते हो यदि
मौन शरीर संरचना को
मैं प्रतीक्षा करती हूँ
तुम्हारी प्रतिक्रिया की
मैं प्रयत्नशील रहती हूँ
फिर से पाने को तुम्हारा ध्यान
अगर भाग्य साथ दे जाये
मैं आश्वस्त हो जाती हूँ
तुम्हारा ध्यान पाने की उपलब्धि के प्रति/
लोपमुद्रा मिश्रा के मूल इंग्लिश कविता योउर साइलेंस का मेरे द्वारा हिंदी अनुवाद
रजनी छाबड़ा
22 / 10 /2024
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