समकालीन सृजन को समर्पित त्रैमासिक 'शोध दिशा ' का फेसबुक कविता अंक (अप्रैल ---जून 2014) की प्रति आज डाक द्वारा प्राप्त हुई/मेरी भी ३ कविताएं साँझ के अँधेरे मैं,अपनी माटी ,फ़ूल आर कलियाँ इस संकलन मैं शामिल की गयी हैं/
फेसबुक कविता अंक अपना आप मैं एक अनूठा व् सराहनीय प्रयोग है/एक अरसे से मेरे कईं मित्रगण कवि व् मैं फेसबुक पर कविताएँ पोस्ट करते रहे हैं,परन्तु इस तरह से संकलन मैं रचनाओं को स्थान मिलना एक सुखद अनुभव है/
आभारी हूँ माननीय डॉ गिरिराजशरण अग्रवाल (संपादक)डॉ लालित्य ललित (अतिथि संपादक ) व् डॉ मीना अग्रवाल (प्रबंध संपादक )की /इस नवाचार के लिए आप सबको साधुवाद /
रजनी छाबड़ा
फेसबुक कविता अंक अपना आप मैं एक अनूठा व् सराहनीय प्रयोग है/एक अरसे से मेरे कईं मित्रगण कवि व् मैं फेसबुक पर कविताएँ पोस्ट करते रहे हैं,परन्तु इस तरह से संकलन मैं रचनाओं को स्थान मिलना एक सुखद अनुभव है/
आभारी हूँ माननीय डॉ गिरिराजशरण अग्रवाल (संपादक)डॉ लालित्य ललित (अतिथि संपादक ) व् डॉ मीना अग्रवाल (प्रबंध संपादक )की /इस नवाचार के लिए आप सबको साधुवाद /
रजनी छाबड़ा