तुम हँस दो
तो
मुस्कुराती है मेंरी
समूची दुनिया
तुम्हारी कोकिला सी
सुमधुर कुहुक
शीतलता बरसाती है
मेरे हृदय की तपिश पर
तुम रूठो गर
लगता है
थम जाएंगी मेरी साँसे
मेरी सांसों की सुरक्षा
तो
अब तुम्हारी आखों के
रक्तिम डोरों के
हवाले है/
थम जावे सांसां ; मूल राजस्थानी काव्य कृति -रवि पुरोहित
हिंदी अनुकृति ; रजनी छाबड़ा
तो
मुस्कुराती है मेंरी
समूची दुनिया
तुम्हारी कोकिला सी
सुमधुर कुहुक
शीतलता बरसाती है
मेरे हृदय की तपिश पर
तुम रूठो गर
लगता है
थम जाएंगी मेरी साँसे
मेरी सांसों की सुरक्षा
तो
अब तुम्हारी आखों के
रक्तिम डोरों के
हवाले है/
थम जावे सांसां ; मूल राजस्थानी काव्य कृति -रवि पुरोहित
हिंदी अनुकृति ; रजनी छाबड़ा
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