जज़्बात बहते हैं
मैं लिखती नहीं
कागज़ पर
मेरे जज़्बात
बहते हैं
कह न पायी
जो कभी दबे होंठों से
वही अनकही
कहानी कहते हैं /
रजनी छाबड़ा
मैं लिखती नहीं
कागज़ पर
मेरे जज़्बात
बहते हैं
कह न पायी
जो कभी दबे होंठों से
वही अनकही
कहानी कहते हैं /
रजनी छाबड़ा
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