Expression
Tuesday, September 1, 2015
सिर्फ़ अपना
सिर्फ़ अपना
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खुशियों पर अमूनन
ज़माने का पहरा होता है
गम सिर्फ अपना होता है
जब बहुत गहरा होता है
रजनी छाबड़ा
1 comment:
कविता रावत
September 9, 2015 at 7:45 AM
सच अपने पर बीतती है तब पता चलता है
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सच अपने पर बीतती है तब पता चलता है
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