तुमसे कैसा यह नाता है
खुशियाँ तुम्हें मिलती है
दामन मेरा भर जाता है
करवटें तुम बदलते हो
सुकून मेरा छिन जाता है
आहत तुम होते हो
आब मेरी आँखों में
उभर जाता है
तुम्हारी आँखों से
अश्क़ छलकने से पहले
अपनी पलकों में समेटने को
जी चाहता है
अठखेलियां करती
लहरों में
क्यों तेरा अक्स
नज़र आता है
खामोश फिज़ाएँ
गुनगुनाने लगती हैं
तेरा ख़याल
मुझ में रम जाता है
कानों में सुरीली
घंटियाँ सी बजती है
जब तेरी आवाज़ का
जादू छाता है
ज़िन्दगी का आधा खाली ज़ाम
आधा भरा नज़र आता है
अनाम रिश्ते को
नाम देने की कोशिश में
शब्दकोष रीत जाता है
तुम्ही कहो ना
तुमसे यह कैसा
नाता है
रजनी छाबड़ा
खुशियाँ तुम्हें मिलती है
दामन मेरा भर जाता है
करवटें तुम बदलते हो
सुकून मेरा छिन जाता है
आहत तुम होते हो
आब मेरी आँखों में
उभर जाता है
तुम्हारी आँखों से
अश्क़ छलकने से पहले
अपनी पलकों में समेटने को
जी चाहता है
अठखेलियां करती
लहरों में
क्यों तेरा अक्स
नज़र आता है
खामोश फिज़ाएँ
गुनगुनाने लगती हैं
तेरा ख़याल
मुझ में रम जाता है
कानों में सुरीली
घंटियाँ सी बजती है
जब तेरी आवाज़ का
जादू छाता है
ज़िन्दगी का आधा खाली ज़ाम
आधा भरा नज़र आता है
अनाम रिश्ते को
नाम देने की कोशिश में
शब्दकोष रीत जाता है
तुम्ही कहो ना
तुमसे यह कैसा
नाता है
रजनी छाबड़ा
No comments:
Post a Comment