दिल ढूँढ़ता हैं फिर वही फुरसत के रात दिन
गुनगुनाती फ़िज़ाएं
कुनमुनाती धुप
सुकून का बोलबाला
और हाथ में गर्म चाय का प्याला
मेहरबान रहे बस यूँ ही ऊपरवाला
गुनगुनाती फ़िज़ाएं
कुनमुनाती धुप
सुकून का बोलबाला
और हाथ में गर्म चाय का प्याला
मेहरबान रहे बस यूँ ही ऊपरवाला
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