Thursday, June 8, 2017

गुनगुनाती फ़िज़ाएं

दिल ढूँढ़ता हैं फिर वही फुरसत के रात दिन 


गुनगुनाती फ़िज़ाएं
 कुनमुनाती धुप

सुकून का बोलबाला
और हाथ में गर्म चाय का प्याला
मेहरबान रहे बस यूँ ही ऊपरवाला 

No comments:

Post a Comment