Wednesday, January 29, 2025

साडी रुक्सती तुं बाद 

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 इवेन वी किया जीवणा कि 

ज़िंदा रेहवणा मज़बूरी लगे 


क्यूँ न कर वंजिये 

कुझ इहो जया कि 

साडी रुक्सती तुं बाद 

एह दुनिया साढे बिना 

अधूरी लगे /



रजनी छाबड़ा 

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