Tuesday, December 3, 2024

ओ ही हे सूरज




ओ  ही हे सूरज 

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सूरज तां ओ ही हे  

पर रोशनी बदलदा रैहन्दा रोज़ 


ओ ही हे  दरिया, ओ ही झरने 

पर पाणी दे वगण दा वल 

बदलदा रैहन्दा रोज़ 


ओ ही हे असां दी ज़िन्दगी 

रोज़ ब रोज़ 

पर रोको ना आपणी चाल 


कोशिश ज़ारी रखो

 रोज़ नवा रस्ता लभण दी 

नवियां मंज़िला 

तलाशण  दी/


रजनी छाबड़ा 



रजनी छाबड़ा 


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