क्षितिज़ के पास
===========
क्षितिज़ के पास
कर रहे हो
इंतज़ार मेरा
जहां दो ज़हान
मिल कर भी
नहीं मिलते
अधूरी है तमन्ना
अधूरी मिलन की आरज़ू
फूल,अब खिल कर भी
नहीं खिलते
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क्षितिज़ के पास
कर रहे हो
इंतज़ार मेरा
जहां दो ज़हान
मिल कर भी
नहीं मिलते
अधूरी है तमन्ना
अधूरी मिलन की आरज़ू
फूल,अब खिल कर भी
नहीं खिलते
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