Friday, June 14, 2024

बहुत फर्क है

 बहुत फर्क है अश्क बहाने और अश्क पीने में

बहुत फर्क है सांस लेने और जीने में
आँखों से उमड़े जो अश्क, देखे दुनिया ने
उन ज़ज्बात का क्या, जो घुमड़ते हैं सीने में
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MY HINDI POEM WITH MAITHLEE TRANSLATION BY Dr. SHEO KUMAR


बड अन्तर छैक नोर बहाब आ नोर पिबा मे
बड अन्तर छैक सांस लेब
आरो जीबा मे
आँखि मे उमरति नोर
त' दुनियाँ देखए
मुदा जरैत भाब कें की करबै
जे घुमरएत रहि जाएत छैक
सीना मे।

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