मेले वेच एकले
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निगाहां दे आख़िरी सिरे तायीं
जद बैचैन निगाहां तलाशदियां हेन तैंकु
और तुसां किथे वी विखाई नहीं देंदे आस पास
हौर वी गहरा थी वेंदा है, मेले वेच एकले
भीड़ वेच तनहाई दा एहसास /
रजनी छाबड़ा
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