Tuesday, November 6, 2012

JYOTI

ज्योति


है जिनके जीवन का
 हर दिन रात जैसा
और हर रात
अमावस सी काली
क्या तुम उनकी बनोगे दीवाली

वो महसूस कर सकते हैं
मंद मंद चलती बयार
पर नही जानते
क्या होती है बहार
नही जानते वो
बहारों के रंग
कैसे करती तितलियाँ
अठखेलियाँ
फूलों के संग
क्या होते हैं इन्द्रधुनुष के रंग
अपनी आंखों से
 दुनिया देखने की उमंग

बाद अपने क्या तुम दोगे
उन्हें हसीन  सपने
देख सकेंगे वो
दुनिया तुम्हारी आंखों से
न रहेगी उनकी दुनिया काली
उजाला ही
उजाला
हर  दिन खुशहाली
हर रात उनकी दीवाली