Friday, May 12, 2017

महसूस किया है मैंने

तुझको देखा नहीं
महसूस किया है मैंने
अनछुए स्पर्श से
सांसों में जिया है मैंने


इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, अभी अभी लिखी एक नज़म

फख्त नज़रों से दूर रहने से
कभी दिल से दूर रहा है कोई

ख़ामोश लब रहें, आँखे बोलती है
हाल ए दिल बयाँ  करने से मज़बूर रहा है कोई

तेरी याद में खाली गया न दिन कोई
यह सिलसिला रातों को भी थाम सका है कोई

नम आँखों से तुझे याद करता हैं हरदम कोई
यादो की रवानी रोक सकता है कभी कोई


रजनी छाबड़ा