इंतज़ार की घड़ियाँ समाप्त हुई/
आज दोपहर इंडिया नेटबुक्स, नॉएडा से मेरे चतुर्थ हिंदी काव्य संग्रह 'बात सिर्फ इतनी सी' की प्रतियाँ प्राप्त हुई / इस उत्कृष्ट प्रकाशन के लिए डॉ. संजीव कुमार बधाई के पात्र हैं/ मनभावन कवर चित्र के लिए रवींद्र कुंवर जी व् आवरण सज्जा के लिए विनय माथुर जी को साधुवाद
रजनी छाबड़ा