Expression
Wednesday, August 21, 2013
वीराना
वीराना
जो छूट जाते हैं
इस ज़िंदगी के क़ैद से ,
पा जाते हैं
इक नयी ज़िंदगी
बेजान तो वो रहते है
जों जीते हैं उनके बाद
न रहती है कोई उमंग
न तरंग
रह जाता है
बस वीराना
हर ख़ुशी का लम्हा भी
कर जाता है उदास
रजनी छाबड़ा
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