बहारों के सब रंग
सिमट आयें तेरे दामन मैं
फूलों की महक सी
महकती रहो तुम
तुम चेह्को
नन्हे पाखी सी
खुशियाँ महके
सब और तेरी
छाया भी न कभी दुःख की
पड़े तुम पर
इतनी सी दुआ है मेरी
सिमट आयें तेरे दामन मैं
फूलों की महक सी
महकती रहो तुम
तुम चेह्को
नन्हे पाखी सी
खुशियाँ महके
सब और तेरी
छाया भी न कभी दुःख की
पड़े तुम पर
इतनी सी दुआ है मेरी