Wednesday, August 5, 2020

रीते लम्हे

रीते लम्हे


इन दिनों
आँखों में जो
हल्का हल्का सरूर है
यह तुम्हारा
मेरी ज़िन्दगी में
 होने का गरूर है/


धुली धुली से लगती हैं कायनात
मटमैली ज़िंदगी ने बदली है करवट
यह तुम्हारे क़दमों की आहट का असर है
 या मेरा मदहोश ख्याल है/


रीते लम्हे लबालब हो  गए
तेरे ख्यालों की बौछार से
इन्हे सहजे ही रखना है
ता  उम्र
यही मेरी खुशी
यही मेरा हर त्यौहार है/