रीते लम्हे
इन दिनों
आँखों में जो
हल्का हल्का सरूर है
यह तुम्हारा
मेरी ज़िन्दगी में
होने का गरूर है/
धुली धुली से लगती हैं कायनात
मटमैली ज़िंदगी ने बदली है करवट
यह तुम्हारे क़दमों की आहट का असर है
या मेरा मदहोश ख्याल है/
रीते लम्हे लबालब हो गए
तेरे ख्यालों की बौछार से
इन्हे सहजे ही रखना है
ता उम्र
यही मेरी खुशी
यही मेरा हर त्यौहार है/
इन दिनों
आँखों में जो
हल्का हल्का सरूर है
यह तुम्हारा
मेरी ज़िन्दगी में
होने का गरूर है/
धुली धुली से लगती हैं कायनात
मटमैली ज़िंदगी ने बदली है करवट
यह तुम्हारे क़दमों की आहट का असर है
या मेरा मदहोश ख्याल है/
रीते लम्हे लबालब हो गए
तेरे ख्यालों की बौछार से
इन्हे सहजे ही रखना है
ता उम्र
यही मेरी खुशी
यही मेरा हर त्यौहार है/