Monday, December 18, 2017

जीने की वजह

जीने की वजह 
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निज ज़िन्दगी में
 न जागने की वजह
न सोने की वजह

इसे दुनिया के नाम
कर दीजिए
जीने की वजह 
खुद बख़ुद
मिल जायेगी

अश्क पीने की आदत
बदल जाएगी
अश्क़ पोंछने का हुनर
रास आ जाएगा
जीने का अन्दाज़
निखर जाएगा/