Expression
Sunday, August 23, 2009
यादगार
खामोशी बोलती है
तेरी आंखों की जुबान से
अनकहे लम्हों की
कहानी बन जाती ही
हौले से
स्पर्श कर
पवन
खिला जाती ही
अधखिली कलि को
वो छूअन
ज़िन्दगी की रवानी
बन जाती ही
तेरी खुशबू ले कर
आती ही बयार
वो पल बन जाते हैं
ज़िन्दगी की यादगार
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)