अमूझना /उदास ( सिराइकी और हिंदी में मेरी कविता )
कोण रेह सकिया हे
इह दुनिया वेच
हमेशा वास्ते
फेर वी
ऐ जिन्दड़ी
तेडे तुं विछड़न दा ख़याल
क्यूँ कर वैंदा हे बेहाल
क्यूँ कर वैंदा हे
मेंकू अमूझना /
उदास
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कौन रहा है
इस दुनिया में
हमेशा के लिए
फिर भी
ए ! ज़िंदगी
तुझ से बिछुड़ने
का ख़्याल
क्यों कर जाता है बेहाल
क्यों कर जाता है
मुझे उदास
@रजनी छाबड़ा