बहुत फर्क है अश्क बहाने और अश्क पीने में
बहुत फर्क है सांस लेने और जीने में
आँखों से उमड़े जो अश्क, देखे दुनिया ने
उन ज़ज्बात का क्या, जो घुमड़ते हैं सीने में
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MY HINDI POEM WITH MAITHLEE TRANSLATION BY Dr. SHEO KUMAR
बड अन्तर छैक नोर बहाब आ नोर पिबा मे
बड अन्तर छैक सांस लेब
आरो जीबा मे
त' दुनियाँ देखए
मुदा जरैत भाब कें की करबै
जे घुमरएत रहि जाएत छैक
सीना मे।