Wednesday, March 16, 2022

bio for vyvsayik nirdeshan

  रजनी छाबड़ा (जुलाई 3, 1955)

पत्नी : स्व. श्री सुभाष चंद्र छाबड़ा

राष्ट्रीयता : भारतीय

जन्मस्थान : देहली

सेवानिवृत व्याख्याता (अंग्रेज़ी)बहुभाषीय कवयित्री व् अनुवादिकाब्लॉगर, समीक्षक, Ruminations, Glimpses (U G C  Journals) की सम्पादकीय टीम सदस्य वर्ल्ड यूनियन ऑफ़ पोएट्स  की इंटरनेशनल डायरेक्टर 20ग्लोबल एम्बेसडर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड पीस (I H R A C),  स्टार एम्बेसडर ऑफ़ वर्ल्ड पोइट्री, सी इ. ओ व् सस्थापक www.numeropath.com 
साईट पर 216  देशों द्वारा विजिट्स (गूगल एनाल्य्टिक रिपोर्ट के अनुसार)

प्रकाशित पुस्तकें : अंकशास्त्र और नामांक शास्त्र पर 8 ई-बुक्स Numerology Galore ,Comprehensive Numerology Guide for Career Orientation, Latent Meanings of  Alphabets in Your Name , Pragmatic Numerology, Numerology for Health & Diet , व्यवहारिक अंकशास्त्र, व्यवसायिक निर्देशन, नामांक में वर्णों का महत्त्व 
Comprehensive Numerology Guide, Comprehensive Nameology Guide, Numerology Galore , व्यवहारिक अंकशास्त्र पेपरबैक में भी उपलब्ध 

हिंदी में 4 व् इंग्लिश में 2 काव्य संग्रह 
अनुदित पुस्तकें :राजस्थानी, हिंदी व् पंजाबी से 11 पुस्तकें इंग्लिश में प्रकाशित, मेरे 2 हिंदी काव्य संग्रह पंजाबी व् मैथिली में व् अंग्रेज़ी काव्य संग्रह राजस्थानी व् बंगाली में अनुदित न चुनिंदा कविताएं 10 क्षेत्रीय भाषाओँ में अनुदित 

राजस्थान डायरी और चंडीगढ़ न्यूज़ में अंकशास्त्र पर रूप से आलेख प्रकाशित/ फ्री करयिर निर्देशन कैम्पस
ईमेल : rajni . numerologist @gmail .com 
यूट्यूब चैनल : therajni 56 
मो: 9538695141 

Monday, March 7, 2022

 



वरिष्ठ व्यंग्यकार और कवि फारूक आफरीदी से दिनांक ५ ,मार्च को इंडिया नेटबुक्स एवं  बी पी ए फाउंडेशन के तत्वाधान में हिंदी भवन में आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह में प्रथम मुलाकात हुई/ उनके द्वारा लिखित व्यंग्य -संग्रह 'धन्य है आम आदमी 'की प्रति पा कर प्रसन्नता हुए/ शुक्रिया अफरीदी जी मेरे साहित्यिक ख़ज़ाने को समृद्ध करने के लिए/

Sunday, March 6, 2022

इंडियानेटबुक्स एवं बीपी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह

 






दिनांक 5 मार्च, २०२२ 
इंडियानेटबुक्स एवं बीपी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह

इंडियानेटबुक्स एवं बीपी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह में देश और विदेश के रचनाकारों को साहित्य , संस्कृति , कला व् समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सहयोग के लिए सम्मानित किया गया /इस अवसर पर वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया, फ़ारुख अफरीदी,दिलीप तेतरबे, नीरज दइया, रजनी छाबड़ा,चन्द्रकान्ता,सोनी लक्ष्मी राव,सोमनाथ यादव,निर्मला सिंह,सुशांत सुप्रिय ,नन्ही तन्वी कुंद्रा(मुम्बई)सहित कुल २८ लेखक, लेखिकाएं व् समाजसेवी सम्मानित किए गए।

वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया को उनके समग्र साहित्य के लिए 'वेद व्यास सम्मान' से सम्मानित किया/ अपने सम्बोधन में ममता कालिया जी ने डॉ. संजीव कुमार के लेखक, प्रकाशक व् समाज सेवक के रूप में साहित्य और समाज ले प्रति योगदान को सराहा/ उन्होंने ने कहा कि हिंदी में बहुत अच्छा लिखा जा रहा है, परन्तु अनुवाद कार्य की कमी के कारण हमारे लेखन से विश्व परिचित नहीं/ अनुवाद भाषाओँ के बीच एक सशक्त कड़ी है; इसके माध्यम से हम देश-विदेश के साहित्य से जुड़ सकते हैं/हमें स्तरीय अनुवाद की अत्यन्त आवश्यकता है ताकि बड़े पैमाने पर हिंदी साहित्य की पहुंच और पहचान विस्तार पाए/

वरिष्ठ साहित्यकार फारूक अफरीदी को 'साहित्य रतन' सम्मान से नवाज़ा गया/ अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि इंडिया नेटबुक्स व् बी पी ए फाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित रचनाकारों के साथ ही साथ नवोदित रचनाकारों को सम्मानित करना सराहनीय पहल है/

रांची से सम्मान ग्रहण करने आये व्यंग्यकार दिलीप तेतरबे ने कहा कि प्रकृति के सुर हमारे साहित्य में भी झलकने चाहिए/

वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. प्रेम जनमेजय ने डॉ. संजीव कुमार की बाल साहित्य प्रकाशन की शुरुआत की प्रशंसा की/

माननीय अथिति गिरिराज शरण अग्रवाल ने कहा कि समाज को सही दिशा दिखाना साहित्यकार का दायित्व है/ रचना -धर्म की सार्थकता इसी में है/

डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि पुरस्कार एक प्रेरक का कार्य करता है/

डॉ. प्रताप सहगल ने सभागार को सम्बोधित करते हुए कहा कि साहित्य मनुष्य की खोज करता है और अंतर्मन में झांकना ही साहित्य है/

बी पी ए फाउंडेशन की निदेशक कामिनी मिश्रा ने भी एक लघुकथा के माध्यम से अपनी बात रखी। घर परिवार के पीछे छूटते जाने पर चिंता जाहिर की और कहा कि हम सबको समाज को एक नई दिशा देने के लिए बहुत कुछ करना चाहिए।

कार्यक्रम का शानदार सञ्चालन किया प्रख्यात व्यंग्यकार व् कवि डॉ. लालित्य ललित ने/ उन्होंने कहा कि डॉ. संजीव ने इंडिया नेटबुक्स को एक परिवार की तरह जोड़ रखा है/

कार्यक्रम के आरम्भ में ही इंडिया नेटबुक्स के प्रबंध निदेशक डॉ संजीव ने प्रकाशन संसथान व् बी पी ए फाउंडेशन की गतिविधियों के बारे मैं जानकारी दी/  इंडिया नेटबुक्स परिवार में बी.पी.ए फाउंडेशन (NGO) ज्यूरिस ग्लोबल लॉ फर्म, बी.पी.ए एडवाइजरी लिमिटेड एवं अनुस्वार पत्रिका शामिल है। डॉ. संजीव ने बताया की अपनी स्थापना के समय से ही परिवार के सभी संगठन सुचारू रूप से चल रहे हैं/

इस मौके पर वर्ष 2021-2022 के लिए सम्मान प्रदान किये गए। वेद व्यास सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया को उनके समग्र साहित्य (लाइफ़ टाइम्स अचीवर्मेंट) लिए दिया गया। भगवती प्रसाद अवस्थी साहित्य रत्न सम्मान 2021-2022 के लिए श्री फ़ारुख़ आफरीदी एवं दिलीप तेतरबे को दिया गया। शिव प्यारी देवी अवस्थी साहित्य रत्न सम्मान 2021-2022 डॉ. शशि सहगल एवं मीनाक्षी गोयल को दिया गया। कालीचरण मिश्र अनुवाद रत्न सम्मान 2021 नीरज दइया एवं कालीचरण मिश्र अनुवाद रत्न सम्मान 2022 रजनी छाबड़ा को दिया गया/

तथा  राजीव अवस्थी बाल रचनाकार सम्मान तन्वी कुंद्रा को दिया गया /जनक दुलारी मिश्र कला सम्मान पेंटिंग से जुड़ी निर्मला सिंह एवं नाट्यकला की विशेषज्ञ उमा झुनझुनवाला को दिया गया।   व्यंग्य यात्रा-सियाराम अवस्थी व्यंग्य रत्न रचना सम्मान के लिए सुशांत सुप्रिय को जबकि व्यंग्य यात्रा-पुष्पा देवी अवस्थी व्यंग्य रत्न आलोचना सम्मान प्रसिद्ध व्यंग्य आलोचक विनोद शाही को दिया गया।   भागीरथी देवी अवस्थी युवा रचनाकार सम्मान चंद्रकांता, राजेश्वरी मंडोरा, सोनीलक्ष्मी राव, दीपक सरीन एवं सुरेश कुमार मिश्रा को प्रदान किया गया।   इसके साथ ही अनुस्वार रत्न सम्मान रणविजय राव, स्नेहा देव, डॉ.दुर्गा सिन्हा, मेधा झा, दीपा स्वामीनाथन, मधुलिका और नितिन उपाध्याय को दिया गया।   इसी प्रकार बी.पी.ए समाज रत्न सम्मान रीता बेंजामिन, नैना वेद, कुसुम दत्ता, संदीप तिवारी एवं सोमनाथ यादव को दिया गया।    यह पहला अवसर था कि निजी प्रकाशक ने रुचि लेते हुए रचनाकारों को नगद राशि,शाल, प्रतीक चिन्ह व् पुस्तकें व् अन्य उपहार भेंट करते हुए सम्मानित किया/ इस अवसर पर दिल्ली,उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड,कर्नाटक,पश्चिम बंगाल,महाराष्ट्र, झारखंड,छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश,राजस्थान आदि प्रदेशों व् दुबई के लेखकों ने शिरकत की।

 कार्यक्रम का समापन इंडिया नेटबुक्स की सीईओ डॉ मनोरमा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने विशिष्ट अतिथियों एवं सम्मान ग्रहण करने के लिए अलग-अलग राज्यों से आए साहित्यकारों एवं सभागार में बड़ी संख्या उपस्थित लोगों के प्रति आभार प्रकट किया।


Wednesday, March 2, 2022