Expression
Monday, December 17, 2012
निखरी क़ायनात
निखरी क़ायनात
ओस मैं
नहाने के बाद
शबनमी धूप मैं
अधखिली कलि
जब अपना चेहरा
सुखाती है
कायनात
निखरी निखरी
नज़र आती है
रजनी छाबड़ा
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