होती है कभी
फूलों से काँटों सी चुभन
कभी काँटों मैं
फूल खिला करते हैं
बहार मैं वीराना
कभी
वीराने मैं
यह दिल के मौसम
यूँ बेमौसम
बदला करते हैं
फूलों से काँटों सी चुभन
कभी काँटों मैं
फूल खिला करते हैं
बहार मैं वीराना
कभी
वीराने मैं
बहार का एहसास
यूँ बेमौसम
बदला करते हैं