Expression
Thursday, August 20, 2009
मधुबन
कतरा
कतरा
नेह के
अमृत से
बनता पूर्ण
जीवन कलश
यादों की
बयार से
नेह की
फुहार से
बनता जीवन
मधुबन.
से
आस का पंछी
मन इक् आस का पंछी
मत कैद करो
इसकों
कैद होने के लिए
क्या इंसान के तन
कम हैं
हिमखंड
पिघलते हैं हिमखंड
सर्द रिश्तों के
प्यार सने
विश्वास की उष्णता
दे कर
देखो
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