Tuesday, January 10, 2023

 रजनी छाबड़ा (जुलाई 3, 1955)

राष्ट्रीयता : भारतीय

जन्मस्थान : देहली

सेवानिवृत व्याख्याता (अंग्रेज़ी)बहुभाषीय कवयित्री व् अनुवादिकाब्लॉगर, समीक्षक, Ruminations, Glimpses (U G C  Journals) की सम्पादकीय टीम सदस्य वर्ल्ड यूनियन ऑफ़ पोएट्स  की इंटरनेशनल डायरेक्टर 20ग्लोबल एम्बेसडर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड पीस (I H R A C),  स्टार एम्बेसडर ऑफ़ वर्ल्ड पोइट्री, सी इ. ओ व् सस्थापक www.numeropath.com 

 प्रकाशित पुस्तकें : 

 हिंदी काव्य संग्रह :होने से न होने तक, पिघलते हिमखंड, सतरंगी खुशी, आस की कूंची से

इंग्लिश पोइट्री Mortgaged, Maiden Step 

अंकशास्त्र और नामांक -शास्त्र पर 9  पुस्तकें 

अनुदित पुस्तकें : Aspirations,  Initiation, A Night in Sunlight,  The Sun On Paper, Swayamprabha , Accursed  हिंदी से , Reveries पंजाबी से व् Fathoming Thy Heart, Vent Your Voice, Language Fused in Blood, In the Art Gallery of My Heart, Across the Border, Sky is the Limit राजस्थानी से इंग्लिश लक्ष्य भाषा में अनुदित; मेरे २ हिंदी काव्य संग्रह 'होने से न होने तकव् 'पिघलते हिमखंडमैथिली और पंजाबी में व् अंग्रेज़ी काव्य संग्रह Mortgaged बांग्ला और राजस्थानी में अनुदित व् चुनिन्दा कविताएँ 9 क्षेत्रीय भाषाओँ में अनुदित 

स्थानीय, राष्ट्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काव्य सम्मेलनों में भागीदारी व् 7  अंतर्राष्ट्रीय काव्य संग्रहों में रचनाएँ सम्मिलित , 1991 से 2010 तक, आकाशवाणी, बीकानेर से निरंतर काव्य पाठ प्रसारण 

डिजिटल साहित्य में निरंतर योगदान , पोयम हन्टर्स डॉट.कॉम पर अनेकानेक कविताओं के वीडियो , किंडल बुक पब्लिशिंग से 39 इ बुक्स प्रकाशित


ब्रह्म-कमल


 

ब्रह्म-कमल 

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खुशियों के फ़ूल 

नित नहीं खिलते 

मेरे मन-आँगन में 


कभी कैक्टस  के फ़ूल 

साथ निभाते हैं मेरा 

 कभी शुभ्र ब्रह्म -कमल की 

यादों के सहारे 

खुशियों सहेजती हूँ/


और आतुर मन से 

प्रतीक्षारत रहती हूँ 

ब्रह्म-कमल के प्रस्फुटन की/


रजनी छाबड़ा 

11 /1 /2023