Wednesday, January 23, 2019


मित्रों, आज मेरी २ हिंदी कविताओं का डोगरी अनुवाद मुझे प्रेषित किया है, मेरे फेसबुक मित्र डॉ.एस के शर्मा ने/ गत माह चंडीगढ़ में घर पर पधारे थे/ मैं यूं ही इच्छा व्यक्त की कि क्या वह मेरी कविताओं का डोगरी में अनुवाद कर देंगे, जिसे उन्होंने सहर्ष किया व् आज मुझे हस्तलिखित रूप से भेजा, जिसे मैं अभी अभी हिंदी फॉण्ट में टंकित किया/ प्रस्तुत हैं आप सब के अवलोकन के लिए/

वंजारा मन
जन्दू वंजारा मन
ज़िन्दगी दे कुसा
अन्जाने मोड़ ऊपर
मिले जन्दा ए
मन मर्जी दे साथी कन्नै 
चाहन्दा ऐ कदे नई
रुकै ए सफ़र 
ते एक एक पल बनी जा
एक युगा दा
ते सफ़र ईययाँ गे
चलदा रवै 
युगें युगें तकर


ए चाह मेरी ते तेरी
जे करिए ए शैल सुखना ए
नींदर नईं खुल्लै कदें भी मेरी
जे करिए ए सच ओए ता
नींदर नईं आवै अखै विच मेरी



अपनी मिट्टी 

विच वसतिये रहिये, मन मोर 
आला लेखा तड़पदा ए 
इस गनराई मना दा के करां 
अपनी मिट्टी दी खुशबू     
गी तरसदा ए 
कियाँ भुल्ली जां मैं अपने गराँ 
ते रिश्ते दी सौंधी गलिएँ गी 
जेदे विच छडा मोह गै वरसदा ए