Friday, January 10, 2025

अमूझना /उदास ( सिराइकी और हिंदी में मेरी कविता )

 अमूझना /उदास ( सिराइकी और हिंदी में मेरी कविता )

कोण रेह सकिया हे 

इह दुनिया वेच 

हमेशा वास्ते 


फेर वी 

ऐ जिन्दड़ी 

तेडे तुं विछड़न दा  ख़याल 

क्यूँ  कर वैंदा हे बेहाल 

क्यूँ कर  वैंदा हे 

मेंकू अमूझना /



 उदास 

******

कौन रहा है 

इस दुनिया में 

हमेशा के लिए 


फिर भी 

ए ! ज़िंदगी 

तुझ से बिछुड़ने 

का ख़्याल 

क्यों कर जाता है बेहाल 

क्यों कर जाता है 

मुझे उदास 

@रजनी छाबड़ा 


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