Monday, August 10, 2009

होने से,न होने तक

होने से
न होने
तक का
अन्तराल
गहरे समेटे
अपरिमित सवाल
वापिस ही
ले लेना है
तब देते ही
क्यों हो
न मिली होती
फिरदौस
न कचोटता
लुटने का
एहसास

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