Expression
Wednesday, August 21, 2013
वीराना
वीराना
जो छूट जाते हैं
इस ज़िंदगी के क़ैद से ,
पा जाते हैं
इक नयी ज़िंदगी
बेजान तो वो रहते है
जों जीते हैं उनके बाद
न रहती है कोई उमंग
न तरंग
रह जाता है
बस वीराना
हर ख़ुशी का लम्हा भी
कर जाता है उदास
रजनी छाबड़ा
Tuesday, August 13, 2013
आस का पंछी
आस का पंछी
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मन ,इक आस का पंछी
मत कैद करो इसको ,
कैद होने लिए ,क्या
इंसान के तन कम हैं
रजनी छाबड़ा
Wednesday, August 7, 2013
भाग मिल्खा भाग
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खेल जगत के युगपुरुष की कहानी
जिस का युगों तक ,न होगा कोई सानी
रजनी छाबड़ा
Monday, August 5, 2013
तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र
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वो ज़हान
मेरा नही
जहाँ
तेरी खुशबू
न हो
तेरी यादें न हो
जिक्र न हो
जहाँ तेरा
वो महफिल
मुझे रास आती नही
Sunday, August 4, 2013
आब ए हयात
मिलने लगते हैं जब
ख्याल और जज़्बात
निखरी निखरी
नज़र आती है क़ायनात
घुलने लगता हैं
ज़िंदगी मैं
आब ए हयात
सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
रजनी छाबड़ा
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