Expression
Thursday, June 29, 2017
अभी जीने दो
अभी जीने दो
अभी जीना है मुझे
सुलझाने हैं
ज़िन्दगी के कुछ
पेचीदा ख़म
तुम गर
आ भी जाओ
ओ यम !
कुछ देर के लिए
जाना थम
रजनी छाबड़ा
Thursday, June 8, 2017
गुनगुनाती फ़िज़ाएं
दिल ढूँढ़ता हैं फिर वही फुरसत के रात दिन
गुनगुनाती फ़िज़ाएं
कुनमुनाती धुप
सुकून का बोलबाला
और हाथ में गर्म चाय का प्याला
मेहरबान रहे बस यूँ ही ऊपरवाला
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