Thursday, October 15, 2009

चिराग

तम्मनाओं की लौ से
रोशन किया
एक चिराग
तेरे नाम का
लाखों चिराग
तेरी यादों के
ख़ुद बखुद
झिलमिला उठे

1 comment:

  1. और इस तरह
    ज़िन्दगी दीवाली हुई ।

    शुभकामनायें -शरद कोकास

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