पक्षपात
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दोष लगेगा उस पर
पक्षपात का
गर ज़रा सा भी दुःख
न वह देगा मुझे
मैं भी तो एक ज़र्रा हूँ
उसकी कायनात का
उसी कारवां की एक मुसाफिर
सुख दुःख की छावों मैं
चलते हैं जहां सभी
अछूती रही गर
दुनिया के दस्तूर से
क्या रूस्वाँ न होगा
मेरा मुक्कदर
लिखने वाला
रजनी छाबड़ा
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दोष लगेगा उस पर
पक्षपात का
गर ज़रा सा भी दुःख
न वह देगा मुझे
मैं भी तो एक ज़र्रा हूँ
उसकी कायनात का
उसी कारवां की एक मुसाफिर
सुख दुःख की छावों मैं
चलते हैं जहां सभी
अछूती रही गर
दुनिया के दस्तूर से
क्या रूस्वाँ न होगा
मेरा मुक्कदर
लिखने वाला
रजनी छाबड़ा
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