ज़रा सोच लो
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दूसरों को ठोकरें मारने वालो
ज़रा सोच लो एक पल को
पराये दर्द का एहसास
तुम्हे भी सालेगा तब
ज़ख़्मी हो जायेंगे
तुम्हारे ही पाँव जब
दूसरों को ठोकरें मारते मारते
रजनी छाबड़ा
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दूसरों को ठोकरें मारने वालो
ज़रा सोच लो एक पल को
पराये दर्द का एहसास
तुम्हे भी सालेगा तब
ज़ख़्मी हो जायेंगे
तुम्हारे ही पाँव जब
दूसरों को ठोकरें मारते मारते
रजनी छाबड़ा
बहुत सुन्दर!
ReplyDeletevery very niceee an true lines
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