Expression
Monday, March 28, 2016
पिघलते हिमखंड"
पिघलते हिमखंड"
तार-तार होते सामाजिक ताने-बाने को फ़िर से बुनने का प्रयास :"पिघलते हिमखंड"
मेरा आगामी हिंदी काव्य संग्रह
"पिघलते हिमखंड" प्रकाशनाधीन,
( अयन प्रकाशन, दिल्ली , लगातार तीसरी
बार मेरे काव्य संग्रहों के प्रकाशक)
बस थोड़ा समय और प्रतीक्षा कीजिये मेरे साथ ही/
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment