Tuesday, July 6, 2021

नम आँखों से


नम आँखों से
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फ़क़्त नज़रों से दूर रहने से 
कभी दिल से दूर हुआ है कोई 

खामोश लब रहें, तो आँखें बोलती हैं 
हालात -ए -दिल बयाँ  करने से, मज़बूर रहा  है कोई 

तेरी यादों से खाली गया न दिन कोई 
यह सिलसिला  रातों को भी थाम सका है कोई 
 
नम आँखों से तुझे याद करती हूँ हर दम 
 यादों की रवानी रोक सकता हैं कभी कोई 
रजनी छाबड़ा

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