Thursday, September 9, 2021

उड़ान


 

 

 उड़ान 

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नन्हे , मासूम  पाँखियों को 

ख़ुद ही उड़ना सिखाते हैं 

उनके जन्मदाता 

 

उड़ना सीखने के बाद भी 

पिंजरे में ही सिमट कर रहें 

अपने पँख समेटे हुए 

क्यों फिर उन्हें, यह कहें

 

जो जितनी ऊँची उड़ान भर सकता है 

अपने ऊँचे मुकाम पर पहुंचेगा ही 

पर विश्वास रखिये 

उड़ान सिखाने वाले को 

भूलेगा नहीं/

@ रजनी छाबड़ा

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