Monday, February 7, 2022

होंठों पर ताले

 

होंठों पर ताले 

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जुबां मैं भी रखती हूँ

लगा रखे हैं होठों पर ताले

दास्ताँ बयान करते करते 

कहीं छलक न जाएँ आँखों के प्याले



खामोश हूँ 

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जुबान मैं भी रखती हूँ 

मगर खामोश हूँ 

क्या दूँ 

दुनिया के सवालों का जवाब 

ज़िंदगी जब खुद 

एक सवाल बन कर रह गयी/

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