Thursday, January 23, 2025

आज़ाद

 आज़ाद 

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झरने वांकु कलकल 

पंछियां वांकु चहक 

आज़ाद उडारी 

चंदनी हवा 

सावणी फ़ुहार 

इहो टैडी 

हँसी दी पछाण 



मोतियाँ वाले घर दा 

दरवाज़ा खोल चा 

नक़ली  मुलकना  

छोड़ चा/


रजनी छाबड़ा 



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