Thursday, January 23, 2025

नवीं पछाण

 

नवीं पछाण 

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अँधेरे कु 

आपणे आप  वेच समेटे 

जिवें दीवा बणांदा हे 

अपनी रोशन पछाण 



ईवेन ही  तुसा 

अथरू समेटे रखो 

अपणे वेच 

दुनिया कु डियो 

बस मुसकान  



आपणी अनाम ज़िंदगी कुं 

ईवेन डियो नवीं पछाण /


रजनी छाबड़ा 

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