Wednesday, January 15, 2025

ज़रा सोचो (सिराइकी में मेरी कविता )

 ज़रा सोचो (सिराइकी में मेरी कविता )


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दूजियाँ कुं ठोकरां मारण वालयों 

ज़रा सोचो हेक पल वास्ते 

पराये दर्द दा एहसास 

चुभसी तुहानकु वी 

जख़्मी थी वेसण 

तुहाडे हि पैर जदूं 

दुजिया नु ठोकरा मारदे मारदे/


रजनी छाबड़ा 

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